Thursday, October 25, 2012

उधार के सही- पर सपने होने चाहिये !

नींद भले किसी और की हो
पर नयन अपने होने चाहिए .
जिन्दगी चाहे छोटी हो -बहूत
उधार के सही- पर सपने होने चाहिये .

हाथ में ना हो भले आज -कल के
खो जाने का मन में डर होना चाहिए .
कल की चिंता - में मर ना जाये कही -
आज जीने का ऐसा हुनर होना चाहिए .

दहशतें घुट घुट के मर जाएँ ,
दुश्मन सभी आत्महत्या कर जाएँ ,
तुम भी वापिस लौट जाओ -
अब हम भी अपने घर जाएँ ।


- सतीश शर्मा
टाइम्स ऑफ़ इंडिया

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