Thursday, October 25, 2012

मैं बेरोजगार हूँ !

मैं बेरोजगार हूँ
मैंने न जाने कितने ही आवेदन किये
कितने ही लोगों से निवेदन किये
जाने कितने ही दफ्तरों के चक्कर काटे
कितनी ही गलियों की खाक छानी
... न दिन को दिन माना

न रात को रात मानी
न जाने कितने ही जूतों के घिस गये तले
फिर भी मैं और चलने को तैयार हूं
क्योंकि मैं बेरोजगार हूँ !
 
- कृष्णधर शर्मा

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