Thursday, October 25, 2012

इनसे सीख लें।

मि. सहाय, 75 साल के एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर, अपने बेटे की मौत के बाद अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य है..इन्होने भीख मागने की बजाय पपेट बेचना चुना...

इनके हौसले को सलाम!
 
मि. सहाय, 75 साल के एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर, अपने बेटे की मौत के बाद अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य है..इन्होने भीख मागने की बजाय पपेट बेचना चुना...

इनके हौसले को सलाम!

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