Monday, April 19, 2021

' जिंदगी '

जिंदगी को देखोगे 
जब भी हँसकर, 
तुम्हारे साथ 
वह मुस्कुराएगी...

जब भी देखोगे उसे 
उदास होकर,
शीशे की तरह 
टूट जाएगी...

जब देखोगे 
उसे सीने में ग़म रखकर, 
आग का दरिया 
सी बन जाएगी...

जब भी देखोगे 
उसे खिल खिलाकर,
फूल की तरह 
वह खिल जाएगी...