मदिरालय जाने घर से
चलता है पीने वाला,
किस पथ से जाऊं, असमंजस में
है वो भोलाभाला
अलग-अलग पथ बतलाते सब
पर मैं यह बतलाता हूँ
राह पकड़ तू एक चला चल
पा जायेगा मधुशाला !
- हरिवंश राय बच्चन
चलता है पीने वाला,
किस पथ से जाऊं, असमंजस में
है वो भोलाभाला
अलग-अलग पथ बतलाते सब
पर मैं यह बतलाता हूँ
राह पकड़ तू एक चला चल
पा जायेगा मधुशाला !
- हरिवंश राय बच्चन
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