Saturday, October 20, 2012

मधुशाला !

मदिरालय जाने  घर से
चलता है पीने वाला,
किस पथ से जाऊं, असमंजस में 
है वो भोलाभाला 
अलग-अलग पथ बतलाते सब 
पर मैं  यह बतलाता हूँ 
राह पकड़ तू एक चला चल 
पा जायेगा मधुशाला !

- हरिवंश राय बच्चन 

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