Saturday, October 20, 2012

वक़्त जस्बात को तब्दील नहीं कर सकता !

हादसा बन के कोई ख्वाब बिखर जाये तो क्या हो ,
वक़्त जस्बात को तब्दील नहीं कर सकता ,
दूर हो जाने से एहसास नहीं मर सकता ...
ये मोहब्बत है दिलों का रिश्ता ... ये मोहब्बत है दिलों का रिश्ता
ऐसा रिश्ता जो सरहदों में कभी तब्दील नहीं हो सकता ..
तू किसी और की रातों का हसीं चाँद सही ,
मेरे हर रंग में शामिल तू है ..
तुझसे रोशन हैं मेरे ख्वाब मेरी उम्मीदें ,
तू किसी भी राह से गुज़ारे ,
मेरी मंजिल तू है ...


- अमिताभ बच्चन 

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