Wednesday, April 13, 2011

हवाईअड्डे के पास भेड़ों का एक झुण्ड !

हवाईअड्डे के पास भेड़ों का एक झुण्ड
या बगीचे के बगल एक उच्च क्षमता वाला जनरेटर :
ये मेल खोल देते हैं मेरी ज़िंदगी
किसी घाव की तरह, लेकिन वे इसे चंगा भी करते हैं.
यही वजह है कि हमेशा जोड़े में आती हैं मेरी भावनाएं.
यही वजह है कि मैं उस शख्स की तरह हूँ जो, पुर्जे-पुर्जे कर डालता है एक ख़त
फिर, कुछ और सोचकर,
बटोर कर उन टुकड़ों को फिर से उन्हें चिपकाता है एक-दूसरे के साथ
बहुत तकलीफ उठाते हुए, कभी-कभी तो
बाक़ी की अपनी पूरी ज़िंदगी.

लेकिन एक बार मैं रात में ढूढ़ने गया अपने बेटे को
और पाया उसे, तेज रोशनी से प्रकाशित
एक सूने बास्केटबाल के मैदान में.
वह निरा अकेला ही खेल रहा था,
और गेंद के टप्पे की आवाज़
इकलौती आवाज़ थी पूरी दुनिया में।

- येहूदा आमिखाई

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