Friday, April 1, 2011

माँ !

माँ संवेदना है, भावना है,अहसास है माँ
माँ जीवन के फूलों मैं खुशबु का वास है माँ

माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पालना है माँ
माँ मरुस्थल मैं नदी या मीठा सा झरना है माँ

माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है माँ
माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है माँ

माँ आंखों का सिसकता हुआ किनारा है माँ
माँ गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है माँ

माँ झुलसते दिनों मैं कोयल की बोली है माँ
माँ मेहंदी है,कुमकुम है,सिंदूर की रोली है माँ

माँ कलम है,दावत है,स्याही है माँ
माँ परमात्मा की स्वयं एक गवाही है माँ

माँ त्याग है,तपस्या है,सेवा है माँ
माँ फूंक से ठंडा किया हुआ कलेवा है माँ

माँ अनुष्ठान है,साधना है, जीवन का हवन है माँ
माँ जिंदगी है,मुहल्ले मैं आत्मा का भवन है माँ

माँ चूड़ी वाले हाथों पे मजबूत कंधों का नाम है माँ
माँ कशी है,काबा है,चारों धाम है माँ

माँ चिंता है,यद् है,हिचकी है
माँ बच्चे की चोट पर सिसकी है

माँ चूल्हा,धुआं,रोटी और हाथों का छाला है माँ
माँ जिंदगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है माँ

माँ पृथ्वी है,जगत है,धूरी है
माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है

तो माँ की यह कथा अनादी है,अध्याय नहीं है
और माँ का जीवन में कोई पर्याय नहीं है

तो माँ का महत्व दुनियाँ में कम हो नहीं सकता
औ माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता

तो मैं कला की पंक्तियाँ माँ के नाम करता हूँ
मैं दुनिया की सब माताओं को प्रणाम करता हूँ।

1 comment:

  1. कृपया कवि का नाम लिख कर उन्हेंपूरा श्रेय दें.यह कविता पंडित ओम व्यास जी की लिखी हुई है.यह पध्य्क्र्म की किताब में भि है यहाँ इनकी आवाज़ में सुन भी सकते हैं-http://www.youtube.com/watch?v=e4Z9P_LzBM8&

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