Sunday, April 10, 2011

सेल्समैन !

तेरे सितम कम थे जो
अब 'ये' भी मुझे सताता है
जाने कहाँ से रोज़ तेरी
यादों का सेल्समैन आता है

हर याद की कीमत दो आंसू
ये तो अत्याचार है
तेरी यादों को कैसे मना करूं
जब तुझसे इतना प्यार है

तेरी हसीन यादों का ख़याल
मेरे दिल को खिला गया
बेहोशी में दस्तखत लेकर
"डील !" कहकर चला गया

"तू नहीं तेरी याद सही"
सेल्समन रोज़ लाने लगा
तेरी याद देख बूँद नहीं
दरिया बहकर आने लगा

इतने आंसू देख मैंने कहा
"एक्स्ट्रा एडवांस में ले लो"
बोला "क्रेडिट चलेगा डेबिट नहीं
मुझे तो बस दो ही दे दो"

रो-रोकर फिर एक दिन
दरिया मेरा ख़तम हुआ
यादें फिर भी आती रही
दिल उसका न नरम हुआ

मना करने पर रुका नही तो
मैं अपनी बात पर अडी रही
"मैडम ये है लाइफ टाइम डील"
आपने कंडिशन्स पढ़ी नहीं?"

यादों के भंवर में ऐसी फँसी
उन्हीसे दहशत उन्हीसे प्यार
सेल्समन हालत देख मुस्काया
"all is 'fear' in love & war!" :-)

तेरे बाद तेरी यादें तो हैं
सोचकर सौदा उठाया था
तूने नहीं, सेल्समैन ने सही
अपना वादा निभाया था

हर याद पर, फिर आंसू नहीं
हाँ जान हर दफा निकली
तेरी तरह यादें भी तेरी
कमबखत बेवफा निकली

सेल्समन अब भी आता हैं
सौदा उधारी पे चलता है
बिना आंसू की घुटन से
मेरा दम निकलता है

सेल्समन से फ़िर मिन्नत की
"बस अब सहन नहीं होता"
बोला "मैडम, ये उसकी यादें है
जहाँ रहम नहीं होता"

- अनिरुद्ध "अभय"

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