Tuesday, April 19, 2011

तूलिका के राह का रोड़ा नहीं बनेगी आर्थिक तंगी !

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : चित्रकारों, कलाकारों एवं साहित्यकारों के लिए राहत भरी खबर है। आर्थिक तंगी अब इनके राह का रोड़ा नहीं बन पाएगी। ऐसे लोगों की इंडियन फाउंडेशन फॉर आ‌र्ट्स न सिर्फ आर्थिक सहायता देगा, बल्कि जरूरी संसाधन भी मुहैया कराएगा। फाउंडेशन ने सहायता को पांच श्रेणियों में बाटा है। इसमें कला का अभ्यास, आर्ट रिसर्च एण्ड डाक्यूमेंटेशन, कला शिक्षा, सांस्कृतिक अभ्यास एवं प्रदर्शन कला की बुनियादी सुविधाओं के लिए दिया जाएगा।

फाउंडेशन की योजना देश में 280 लोगों को सामूहिक और एकल रूप से सहायता करना है। इसमें फिल्म एवं वृत्तचित्र निमार्ण, पुस्तक, कला से जुड़े कार्य, आरकाइव, प्रदर्शनी एवं मंचीय प्रदर्शन प्रमुख होगा। अधिक जानकारी इंडिया आइएफए की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है।

फाउंडेशन की जनसंपर्क अधिकारी समरपिता समद्दर ने बताया कि जीबी पंत संस्थान के दलित रिसर्च सेंटरों में 'भगैतों के गाथागीत की परंपरा' पर परियोजना चल रही है। देश में किसी भी हिस्से की विशेषकर उत्तर भारत में विलुप्त होती परंपराओं को संरक्षण देने के उद्देश्य से यह पहल की गई है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में असम के मोबाइल थिएटर, बंगाल में 19वीं शताब्दी में बाल साहित्य, टेंट सिनेमा इन महाराष्ट्र, उत्तर भारत में तवायफों का इतिहास, कर्नाटका में कला की शिक्षा एवं लद्दाख में स्थानीय फिल्म उद्योग को संरक्षण दिया जा रहा है।

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