Tuesday, March 29, 2011

चिड़ियों का अलार्म !

सुबह-सुबह ही मेरी बगिया
चिड़ियों से भर जाती है
उनके चीं-चीं के अलार्म से
नींद मेरी खुल जाती है।

वे कहतीं हैं उठो उठो

अब हुआ सबेरा जागो
उठ कर अपना काम करो
झटपट आलस को त्‍यागो।

मूल्यवान जो समय गंवा कर

बहुत देर तक सोते
प्‍यारे बच्चों जीवन में वह
अपना सब कुछ खोते।

शरद तैलंग

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