Monday, December 24, 2012

पहले इंसान बनाया जाए !

सारी दुनिया में - धर्म कुछ ऐसा चलाया जाए .
बाकी सब छोडिये -पहले इंसान बनाया जाए .

रफ्ता रफ्ता टुकड़ों में बंट गया आइना-ए-इन्सां
कांच की किरंचों को - होशियारी से उठाया जाए .

टूटते जुड़ते - बिखर जाते हैं जाने क्यों लोग .
भला किस शय से अब इनको मिलाया जाए .

बड़ा बेगाना सा लगता है - इंडिया-ओ -हिन्दुस्तां यारो
आने वाले हरेक मेहमाँ को-अब भारत से मिलाया जाए !
- सतीश शर्मा

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