Monday, December 31, 2012

अगले जन्म मुझे बिटिया न देना !

मां बहुत दर्द देकर बहुत दर्द सहकर तुझसे कुछ कहकर मैं जा रही हूं
आज मेरी विदाई में सब सखिया आएंगी
सफ़ेद जोड़े में लिपटी देख, सिसक-सिसक मर जाएंगीं
लड़की होने का वो खुद पर अफ़सोस जताएंगी
मां तू उनसे इतना कह देना, 
दरिंदों की दुनिया में संभलकर रहना
मां राखी पर जब भैया की कलाई सुनी रह जाएगी
याद मुझे कर जब-जब उनकी आंख भर आएगी
तिलक माथे पर करने को रूह मेरी भी मचल जाएगी
मां तू भैया को रोने मत देना
मैं हर पल उनके साथ हूं कह देना
मां पापा भी छुप-छुप बहुत रोएंगे, 
मैं कुछ न कर पाया कह खुद को कोसेंगे
मां दर्द उन्हें ये होने न देना वो अभिमान हैं मेरा, 
सम्मान हैं मेरा तू उनसे इतना कह देना
मां तेरे लिए अब क्या कहूं दर्द को तेरे शब्दों में कैसे बांधू, 
फिर से जीना का मौका कैसे मांगू
मां लोग तुझे सताएंगे
मुझको आजादी देने का इल्जाम लगाएंगे
मां सब सह लेना, पर ये न कहना
"अगले जन्म मुझे बिटिया न देना"
- विजय पाण्डेय 

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