Monday, December 31, 2012

गीत मेरे !

गीत मैंने लिख दिया -
देगा तुझे सुर कौन - अब
मैं सोचता हूँ - गीत मेरे .

सुर तुम्हारे - मीत मेरे
गूंज जाए - दूर तक
ऐसे सदा में -
सुन चितेरे गीत मेरे .

फिर लगेंगे - दूर तक
अपने ये फेरे - गीत मेरे
चल सुना दे भाव - भक्ति
निबल बाहों में भरी
अकूत शक्ति - गीत मेरे .

चल अचल - नभ
और सागर - थल .
हर जगह - लग जाएँ
तेरे जैसे डेरे - गीत मेरे .

मैं डरा हूँ - विप्लवों की
तान से - और तेरे
मान से सम्मान से - सुन
गीत मेरे .

अब नहीं चिंता - की
कोई तान छेड़े - गान छेड़े
या विवशता में गुनगुनाये -
गीत मेरे .

जुगनुओं की चमक से
खुद को जलाए - साथ
ना दे या की - तेरे
साथ आये - गीत मेरे !
- सतीश शर्मा

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