Friday, February 1, 2013

प्यार की क्या - पहचान है ?

प्यार की क्या -
पहचान है .
कहाँ मिलता है
क्या कीमत - मोल
क्या भाव .

कोई बतायेगा -
क्या ढूँढने से मिल जाएगा
या फिर लाटरी है -
नम्बर निकल आएगा .

कुछ भी तय नहीं -
सब भाग्याधीन -
मिले भी - और
ना भी मिले .

फिर लोग क्यों कहते
रहते हैं - प्रेम कर
प्रेम पायें -
अरे बाबा - बताओ
कहाँ से रिक्मैंड कराएं
किस सरकारी -
ऑफिस के चक्कर लगाएं . 
- सतीश  शर्मा 

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