Sunday, September 2, 2012

अपना महबूब के हम तारीफ का करी !

अपना महबूब के हम तारीफ का करी,
हर तारीफ के ई छोट बनवले बाड़ी.
बस हसीये के जान निकाल देली,
न जाने कहा से ई अदा पईले बाड़ी.

ईनका में न जाने कौन कशिश बा,
नयनन के जादू हमरा पर चलवले बाड़ी.
कुछ समझती हम ईनका के,
ओकरा पहिले ही होश उडवले बाड़ी.

आईना में जब देखेली अपना के,
आईना के भी शर्मशार कईले बाड़ी.
जुल्फन के लहरा के घटा में,
देख बारिश आज मंगवले बाड़ी.

अपना होठ्वा के आउरी गुलाबी कर के,
फेर हमरा पर ई नशा चढवले बाड़ी.
कौनो लायक न रहनी अब हम,
अईसन ई पागल बनवले बाड़ी.

कादुन चाँद होले सबसे खुबसूरत,
ई त उनको के भी पीछे छोडले बडी.
चाँद अपना नाम के याद करत बाड़े,
ऐ त ई उनका के बर्बाद कईले बाड़ी.।।

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