Tuesday, January 1, 2013

अपनी मनमानी बहूत हुई !

ये नो दो ग्यारह हुआ बहूत
अब तेरा तेरा कह प्यारे
अपनी मनमानी बहूत हुई
अब 'उसकी' रजा में रह प्यारे .

दिल की बातें दिल में ना रख
जो दिल में है तू कह प्यारे
जो बात चुभ रही है दिल में
तू उसको पहले कह प्यारे .

जो बुरा बहूत है तू उसको
मत भला बुरा तो कह प्यारे
वो अपनी हद में रहता है
तू अपनी हद में रह प्यारे .

फिर बात बनेगी धीरज धर
दिल्ली के दिल में रह प्यारे
भारत वालों की बात और
इंडिया को भारत कह प्यारे .

आये अंग्रेज गए सारे -
ना इटली में तू रह प्यारे -
भारत तो अपना भारत है -
बेख़ौफ़ यहाँ तू रह प्यारे !
- सतीश शर्मा

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