Monday, March 7, 2016

जो पिता होते हैं ।

चाहे हाड़ तोड़कर - चाहे हाथ जोड़कर
सबसे अंतिम में पाँव पकड़कर
इन सबसे पहले गुल्लक फोड़कर
ले ही आते हैं अनाज पीठ लादकर
सबसे मनहूस - अंधेरी गलियों में
दिन ढ़लने से पहले
जो पिता होते हैं

जो पिता होते हैं
वे कभी नहीं थकते
पालनहार देवता, उनके पिता ईश्वर
थक हार भले मुँह छुपा लें
वे कभी नहीं छुपते
चलते रहते हैं हरदम - गलते रहते हैं हरपल
भूल से भी कभी नहीं थमते ।

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