Tuesday, October 4, 2011

ये रिश्ता क्या कहलाता है ?

ये रिश्ता क्या कहलाता है
रिश्तो की डोर रिश्तो से है कमज़ोर
रिश्ते ही थामे है जीवन की बागडोर
आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है
कभी अपनों को सहलाता कभी है बहलाता
...कभी हाथ मिलाकर कभी गले लगाकर
कभी हस कर तो कभी रो कर
रिश्ते अपनों की याद दिलाते
आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है ...
फिर क्यों रिश्ते टूटते जाते है
रिश्ते क्यों बदनाम होते जाते है ..
कभी गुरु का शिष्य से कभी पिता का पुत्री से
कभी भगवान का भक्त से कभी इन्सान का इन्सान से
आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है ? ...

ब्लॉग कानपुर मासिक पत्रिका से साभार.....

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