Monday, June 20, 2011

उम्मीद भरा गीत


प्रस्तुत कविता चैन सिंह शेखावत की है। चैन सिंह जी राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा विभाग मैं हिंदी व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं और राजस्थानी तथा हिंदी दोनो मे काव्य-सृजन करते हैं। .विभिन्न समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। हिंदी कविता की ई-पत्रिकाओं में भी कविताओं का प्रकाशन हो चुका है। इसके अतिरिक्त राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में भी रचनाएँ संकलित हुई हैं। हिंद-युग्म पर चैन सिंह शेखावत के यह प्रथम कविता है। कविता का प्रबल आशावाद इसकी प्रमुख शक्ति है।


पुरस्कृत कविता: उम्मीद भरा गीत

शब्दों का ही सामर्थ्य है
दिन अभी इतने मैले नहीं हुए हैं
निथर जाएगा सब आकाश
चाँद फिर तुम्हें मनुहारने
झाड़ियों की ओट तक
चला आएगा

एक कविता इतनी उम्मीद भरा गीत है
सत्ता और शोषण की
तमाम नाकेबंदियों में
आदमी आज़ाद है तो
इसी दम पर

कोई पुचकारने या सहलाने नहीं आएगा
हमें अपने अपने हिस्से के पात्र
स्वयं गढ़ने होंगे
कुंद हुए किनारों पर
अंगूठे से धार चखनी है

तुम रहो या ना रहो
तुम्हारे पुराने कपड़ों में कोई और होगा
बीत चुके सावन में लगाए पेड़ों पर
तुम्हारी ही शक्ल के लोग
झूला झूलते होंगे

एक दिन जरूर ऐसा आएगा
धरती का बाँझपन
और युद्धरत मनुष्यता
तुम्हारे सामने बौने नज़र आएँगे
तब तुम समझोगे
मेरे शब्द की ताक़त क्या है।

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