Thursday, June 19, 2025

चालीस पार लोगों के लिए कुछ लाइनें

जीवन का ये पड़ाव
मझधार वाला होता है......

बच्चे जवान होने लगते हैं, और हम
प्रौढ़ होकर बुढ़ापे की सोचने लगते हैं......

थोड़ा नमकीन सा होता है ये समय
थोड़ा sweet थोड़ा salty जैसा......

कभी स्वच्छंद होकर हवा में उड़ने का मन करता है
तो कभी, जिम्मेदारियों के तले दबा - दबा सा लगता है......

खुलकर जीना भूलने लगते हैं
नियमों पर चलना सीखने लगते हैं......

शुगर, बी पी के कारण योग करने लगते हैं
भोजन पचाने के लिए सैर करने लगते हैं......

पर बहुत खास होता है ये समय 

बच्चों को बड़ा होते देख मन प्रसन्न होता है
बाप के जूते में बेटे का पैर होता है
बिटिया हो जाती है मां के बराबर
और, उसका ऊंचा कद हील के बगैर होता है।

बहुत खास होता है ये समय।।

श्रद्धा पाण्डेय जी के फेसबुक वॉल से साभार

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