Thursday, June 4, 2020

"बहू बदनाम रहेगी"

बेटा चुप रहे तो 
बहू ने मुट्ठी मे कर रक्खा है !

बेटा कुछ बोले तो 
देखो बहू की जुबान बोलता है !

बेटा क्रोध करे तो 
जरूर बहू की संगति का असर है!

बेटा कमरे मे जाए तो 
बहू ने मोहजाल में फंसा रक्खा है!

बेटा असहमत नज़र आए तो 
जरूर बहू ने ही पाठ पढ़ाया होगा!

बेटा नज़रअंदाज करे तो 
जरूर बहू ने ही सब सिखाया होगा !

घर की बातें बाहर जाए तो 
बहू पेट मे कुछ पचा नही पाती
हालत ऐसी है बहू की कि
पति पर हक भी जता नही पाती

इतना ही नहीं....

घर टूटा तो बहू जिम्मेदार
कुछ फूटा तो बहू जिम्मेदार
जिम्मेदारी की बात न पूछो
कोई रूठा तो बहू जिम्मेदार

अब इतनी परेशानी है बहू से
तो बहू लेकर ही क्यूं आते हो
बना कर रखेंगे बेटी, बहू को
भ्रम-जाल ये क्यूं बिछाते हो..

कुछ भी हो जाए ग़लत अगर
इल्ज़ाम बहू पर लगाते हो
इंसा है वो भी मूरत नहीं
बात इतनी समझ ना पाते हो

गलत हो बहू तो उससे कहो
गलती सुधारने की सीख भी दो
बाहर बहू के किस्से सुनाते हो
खुद बदनाम उसे कर जाते हो

मन से ना चाहोगे तो पराई लगेगी
चाहें जितना भी वो काम करेगी
कल भी थी और वो आज भी है
बहू कल भी यूं ही बदनाम रहेगी।

©मनीषा दुबे (मुक्ता)

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