Tuesday, June 22, 2021

तासीर-ए प्रीत

एक प्रश्न किया था हमने
प्यार का तासीर है कैसा
कटु,निबोडी पीर जैसा
दूध चीनी  की खीर जैसा
या नैनन अश्क नीर जैसा ?

 गर्म-गर्म पकौड़े जैसा
या चमड़े के कोड़े जैसा
बिन लगाम के घोड़े जैसा
या गोविंद रण-छोड़े जैसा?

नर्म मुलायम रेशम जैसा
भाग्य- सितारा चमचम जैसा
सावन बून्द झर झमझम
जैसा
या जख्म पुते मरहम जैसा?

भिन्न -भिन्न विचारों ने
भिन्न -भिन्न मत दिए 
विपरीत संस्कारों ने
हृदय  क्षत-विक्षत किये
असीम श्रदायुक्तों ने
मस्तक  नत- किये !!

कई एक विचारों ने
तोड़ कर मरोड़ दिया
स्वयं के दुश्चिंतन-पथ पर
ला कर तन्हां छोड़ दिया!! 

वीना उपाध्याय
मुज़फ्फरपुर बिहार

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