जब भी पंछी उड़ान पर होगा..
देखना, आसमान पर होगा.
मन तो उस का उफान पर होगा.
और जोबन ढलान पर होगा..
तिनके-तिनके को जोड़ने वाला,
एक दिन पायदान पर होगा..
सारी दुनिया का रंग है मैला,
एक वो ही तो शान पर होगा..
हाथ से तीर गिर गया अब तो.
ध्यान उस का कमान पर होगा..
बात करता है बात करने दे,
वो भी इक दिन उठान पर होगा.
नाम पूछोगे 'मौदगिल' जब भी,
नाम उस का जुबां पर होगा.
-योगेन्द्र मौदगिल
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