कल वरिष्ठ गीतकवि एवं आलोचक वीरेंद्र आस्तिक को अखिल भारतीय साहित्य कला
मंच, मुरादाबाद (उ.प्र.) ने 'स्व. मधुरताज स्मृति
साहित्य-अलंकार-सम्मान-12' से सम्मानित किया गया । अब तक आपके पांच
गीत-नवगीत संग्रह- परछाईं के पाँव, आनंद ! तेरी हार है, तारीख़ों के
हस्ताक्षर, आकाश तो जीने नहीं देता, दिन क्या बुरे थे प्रकाशित हो चुके
हैं। धार पर हम (एक और दो) आपके द्वारा संपादित कृतियाँ है। आस्तिक जी को
बधाई ।
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