आगरा
की समानान्तर' के तत्वाधान मे त्रिलोक सिंह ठकुरेला द्वारा सम्पादित
'कुंडलिया छंद के सात हस्ताक्षर' का विमोचन यशस्वी कवि श्री सोम ठाकुर,
बाबूजी का भारतमित्र के सम्पादक श्री रघुविंद्र यादव, डॉ.राजेंद्र मिलन और
'समानान्तर' संस्था की अध्यक्षा डॉ. शशि गोयल द्वारा किया गया। बतौर मुख्य
अतिथि कवि सोम ठाकुर जी ने कहा कि कुंडलिया एक लोकप्रिय विधा रही है। आज
इसके संरक्षण की जरूरत है ।
कृपया आगे आयें !
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