मि.
सहाय, 75 साल के एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर, अपने बेटे की मौत के बाद अपने
परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य है..इन्होने भीख मागने की बजाय पपेट
बेचना चुना...
इनके हौसले को सलाम!
इनके हौसले को सलाम!
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