मृत्यु क्या है ?.....प्रश्न मन में अभी
एक नयी यात्रा का प्रारम्भ बिंदु ?
या एक कथा का समापन भर
ऊर्जा का कभी क्षय तो नहीं होता
रूपांतरित होती भर
अलग- अलग पैकिंग में
फिर से माल वही
जन्म से मृत्यु तक की रेखा
क्या यही जीवन ?
चलता है उसके बाद भी
कुछ सदियों तक ..
जो भी आया है यहाँ वह जाएगा
जो कहीं है आज वह भी आएगा
ये नहीं दस्तूर भर ये सत्य है
जन्म नहीं सत्य सत्य मृत्यु है
मुझे लगता है कि कोई जन्मता नहीं
नहीं कभी कोई मरता है यहाँ
ओझल भर हो जाता और प्रकट भी
दृष्टि बहुत सीमित ही है अभी ..
राघवेन्द्र ,अभी-अभी
२५/अगस्त /२०१२
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