दिल वो बच्चा आज भी है...
आसमान में उड़ जाने को आतुर..
मन का परिंदा आज भी है..
वक़्त ने करवट तो ले ली है मगर...
आँखों में सपनो का सागर आज भी है...
दर्द को भुलाकर दुनीया की भीड़ में...
दिल मचल कर गुनगुनाने को बेचैन आज भी है...
तुम आओ या ना आओ लौटकर..
दिल तो यही गीत गता रहेगा..
किसी नज़र को तेरा इंतजार आज भी है॥
- सुमन पाठक
- सुमन पाठक
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