समय की बरबादी का अर्थ है, अपने जीवन को बरबाद करना । जीवन के जो क्षण मनुष्य यों ही आलस्य अथवा उन्माद में खो देता है, वे फिर कभी लौटकर वापस नहीं आते । जीवन के प्याले से क्षणों की जितनी बूंदी गिर जाती है, प्याला उतना ही खाली हो जाता है । प्याले की वह रिक्तता फिर किसी भी प्रकार भरी नहीं जा सकती । मनुष्य जीवन के जितने क्षणों को बरबाद कर देता है, उतने क्षणों में वह जितना काम कर सकता था, उसकी कमी फिर वह किसी प्रकार भी पूरी नहीं कर सकता ।
जीवन का हर क्षण एक उज्ज्वल भविष्य की संभावना लेकर आता है । हर घड़ी एक महान् मोड़ का समय हो सकती है । मनुष्य यह निश्चयपूर्वक नहीं कह सकता कि जिस समय, जिस क्षण और जिस पल को वह यों ही व्यर्थ में खो रहा है, वही क्षण, वही समय उसके भाग्योदय का समय नहीं है । क्या पता जिस क्षण को हम व्यर्थ समझकर बरबाद कर रहे हैं, वही हमारे लिए अपनी झोली में सुन्दर सौभाग्य की सफलता लाया है । समय की चूक पश्चाताप की हूक बन जाती है । जीवन में कुछ करने की इच्छा रखने वालों को चाहिये कि वे अपने किसी भी ऐसे कर्तव्य को भूलकर भी कल पर न टालें, जो आज किया जाना चाहिये । आज के काम के लिये आज का ही दिन निश्चित है, और कल के काम के लिए कल का दिन निर्धारित है ।
सादगी से जीने वाला शांति से मरता है, और शांति से मरना मुक्त होने की सूचना है ।।
जीवन का हर क्षण एक उज्ज्वल भविष्य की संभावना लेकर आता है । हर घड़ी एक महान् मोड़ का समय हो सकती है । मनुष्य यह निश्चयपूर्वक नहीं कह सकता कि जिस समय, जिस क्षण और जिस पल को वह यों ही व्यर्थ में खो रहा है, वही क्षण, वही समय उसके भाग्योदय का समय नहीं है । क्या पता जिस क्षण को हम व्यर्थ समझकर बरबाद कर रहे हैं, वही हमारे लिए अपनी झोली में सुन्दर सौभाग्य की सफलता लाया है । समय की चूक पश्चाताप की हूक बन जाती है । जीवन में कुछ करने की इच्छा रखने वालों को चाहिये कि वे अपने किसी भी ऐसे कर्तव्य को भूलकर भी कल पर न टालें, जो आज किया जाना चाहिये । आज के काम के लिये आज का ही दिन निश्चित है, और कल के काम के लिए कल का दिन निर्धारित है ।
सादगी से जीने वाला शांति से मरता है, और शांति से मरना मुक्त होने की सूचना है ।।
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