कोई कविता अंतिम होगी
शब्द शब्द थम जाएंगे
पर जितने भी शब्द लिख गया
वो तुमको ही गाएंगे
कवि नश्वर होते हैं लेकिन
कविता कभी नही मरती
कवि की प्रियवर ही कविता है
वो ही सदा अमर रहती
बसी न हो जो तेरी खुश्बू
शब्द नही जी पाएंगें
दो पल का ये जीवन सारा
लम्हा लम्हा बीत रहा
चिर निंद्रा से पलकें बोझिल
पर होठों पर गीत रहा
तितली जैसे गीत न हों तो
फूल कहाँ खिल पाएंगें
- राजेश कुमार
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