Sunday, September 11, 2016

पीठ !


यह एक पीठ है
काली चट्टान की तरह
चौड़ी और मजबूत

इस पर दागी गयीं
अनगिनत सलाखें
इस पर बरसाये गये
हज़ार-हज़ार कोड़े
इस पर ढोया गया
इतिहास का
सबसे ज़्यादा बोझ

यह एक झुकी हुई डाल है
पेड़ की तरह
उठ खड़ी होने को आतुर


- एकांत श्रीवास्तव
सौजन्य : जय प्रकाश मानस

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