'पशु' शब्द अपनी लाक्षणिकता में भले ही उपेक्षणीय हो और भले ही हम
उन्हें आज लगातार भूला रहे हैं, लेकिन एक महादेवी वर्माजी थीं, जिन्हें
पशु-पक्षियों से अगाध स्नेह था ।
वे पहली ऐसी रचनाकार हैं जिन्होंने पशु-पक्षियों को 'मेरा परिवार' कहा ।
उनके परिवार के आँगन में तभी तो नीलकंठ मोर, राधा मोरनी, गिल्लू गिलहरी, सोना हिरनी, दुर्मुख खरगोश, गौरा गाय, नीलू कुत्ता, मूँगा मुर्गी, निक्की नेवला, रोजी कुत्तिया, रानी घोड़ी, आदि मज़े-मज़े में रहते हैं ।
आपके 'परिवार' में कौन-कौन रहते हैं ?
प्रस्तुति - जय प्रकाश मानस
उनके परिवार के आँगन में तभी तो नीलकंठ मोर, राधा मोरनी, गिल्लू गिलहरी, सोना हिरनी, दुर्मुख खरगोश, गौरा गाय, नीलू कुत्ता, मूँगा मुर्गी, निक्की नेवला, रोजी कुत्तिया, रानी घोड़ी, आदि मज़े-मज़े में रहते हैं ।
आपके 'परिवार' में कौन-कौन रहते हैं ?
प्रस्तुति - जय प्रकाश मानस
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