घर आने पर दौड़ कर जो पास आये, उसे कहते हैं "बिटिया"
थक जाने पर प्यार से जो माथा सहलाए, उसे कहते हैं "बिटिया"
"कल दिला देंगे" कहने पर जो मान जाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
हर रोज़ समय पर दवा की जो याद दिलाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
घर को मन से फूल सा जो सजाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
सहते हुए भी अपने दुख जो छुपा जाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
दूर जाने पर जो बहुत रुलाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
पति की होकर भी पिता को जो ना भूल पाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
मीलों दूर होकर भी पास होने का जो एहसास ''दिलाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
"अनमोल हीरा" जो कहलाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
भगवान हर पिता को एक बेटी जरुर दे।
साभार - दीपक बहल
थक जाने पर प्यार से जो माथा सहलाए, उसे कहते हैं "बिटिया"
"कल दिला देंगे" कहने पर जो मान जाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
हर रोज़ समय पर दवा की जो याद दिलाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
घर को मन से फूल सा जो सजाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
सहते हुए भी अपने दुख जो छुपा जाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
दूर जाने पर जो बहुत रुलाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
पति की होकर भी पिता को जो ना भूल पाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
मीलों दूर होकर भी पास होने का जो एहसास ''दिलाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
"अनमोल हीरा" जो कहलाये, उसे कहते हैं "बिटिया"
भगवान हर पिता को एक बेटी जरुर दे।
साभार - दीपक बहल
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