गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रस्तुत है नौजवानों को संबोधित एक नज़्म।
आबरू वतन की नौजवान तुमसे है !
खुशबु-ए-चमन ऐ बागबान तुमसे है!
गर्दे-मजहब रुहो जिस्म से आ झाड़कर !
दुश्मने-वतन पर टूट पड़ दहाड़कर !
खास हैं जहाँ में ये पहचान हिंद की
नौजवान सम्हाले रखना ये शान हिंद की !
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