मन भी कुछ हरसाय
जोत बिना दिया ना दिया
जो दिया लौट ले जाय
ना तन ,ना मन
धन ना कुछ भी
तनिक ओट मिल जाय
चले चाहे घनघोर अंधेरिया
तुम्हरी सरन सिवाय
लियो मोहे अपने अंक लगाय !!!
- राघवेन्द्र अवस्थी
जोत बिना दिया ना दिया
जो दिया लौट ले जाय
ना तन ,ना मन
धन ना कुछ भी
तनिक ओट मिल जाय
चले चाहे घनघोर अंधेरिया
तुम्हरी सरन सिवाय
लियो मोहे अपने अंक लगाय !!!
- राघवेन्द्र अवस्थी
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