शराब की बोतल से जिन्न निकला
और उस पियक्कड़ सेबोला
– हुक्म मेरे आका ǃ
आप जो भी मुझसे मंगवाओगे
वह मे। ले आउंगा
बस शराब की बोतल नहीं मंगवाना
वरना मुझसे हांथ धो के पछताओगे.
सुनकर पियक्कड़ बोला
–मेरे पास बाकी सब है
उनसे भागता हुआ ही शराब के नशे में
घुस जाता हूं
दिल को छू ले ऐसा कोइ प्यार नहीं देता
देनें से पहले प्यार, अपनीं कीमत लेता
तुम भी दुनिया की तमाम चीजें लेकर
मेरा दिल बहलाओगे
मुझे मालूम है तुम छोड़ जाओगे
जाओ जिन्न किसी जरूरतमंद के पास
मुझे नहीं खुश कर पाओगे......
- संजय राय
सुन्दर रचना. सही कह रहे हैं मित्र. शराब की लत बुरी चीज है. शाम होते ही बोतल का सानिध्य ही रास आता है.
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