हवाओं की ताजगी तुम हो,
मासूम आज भी तुम हो,
गुलाबों की खुशबु तुम हो,
बला का जादू तुम हो !
सागर सी धीर तुम हो,
झरनों का नीर तुम हो,
कामदेव का तीर तुम हो,
हुस्न की नजीर तुम हो !
फूलों सी कोमल तुम हो,
गंगा सी निर्मल तुम हो,
अद्भुत इक मोती तुम हो,
मेरे जीवन की ज्योति तुम हो !!
- संजीव मित्तल
मासूम आज भी तुम हो,
गुलाबों की खुशबु तुम हो,
बला का जादू तुम हो !
सागर सी धीर तुम हो,
झरनों का नीर तुम हो,
कामदेव का तीर तुम हो,
हुस्न की नजीर तुम हो !
फूलों सी कोमल तुम हो,
गंगा सी निर्मल तुम हो,
अद्भुत इक मोती तुम हो,
मेरे जीवन की ज्योति तुम हो !!
- संजीव मित्तल
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