कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं !
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा !
जज़्बात ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा सा !
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं !
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तूफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा !
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र
जो समंदर है , पर दिल की प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं !
अज्ञात कवि को आभार सहित ........
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं !
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा !
जज़्बात ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा सा !
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं !
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तूफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा !
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र
जो समंदर है , पर दिल की प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं !
अज्ञात कवि को आभार सहित ........
No comments:
Post a Comment