माँ ! मैं एक बार फिर बच्चा होना चाहता हूँ
तेरी गोद में रखकर सर
चैन की नींद सोना चाहता हूँ
माँ ! अकेलापन मुझे डरा रहा है
तेरी गोद में रखकर सर
चैन की नींद सोना चाहता हूँ
माँ ! अकेलापन मुझे डरा रहा है
माँ ! तन्हाई मुझे खा रही है
चरों ओर से घिरा पा रहा हूँ
आत्मा मेरी थकन महसूस कर रही है
माँ ! मैं थक चूका हूँ दौड़ते दौड़ते
मैं और भागना नहीं चाहता
माँ ! में तेरे आँचल तले
खुद को छुपा लेना चाहता हूँ
मैं तेर तलक तेरे सीने से लगकर
खूब रोना चाहता हूँ
माँ ! मैं दर्द और तकलीफ में
फंस सा गया लगता हूँ
माँ ! मैं तुमसे खुद को दूर पा रहा हूँ
माँ ! मुझे तुम्हारी प्यारी सी थपकियाँ चाहिए
माँ ! मैं तुम्हे अपना ढाल बनाना चाहता हूँ
माँ ! मैं तुम्हारे पास होना चाहता हूँ
माँ ! मैं एक बार फिर बच्चा होना चाहता हूँ
तेर तलक तेरी गोद में सुरक्षित
चैन से सोना चाहता हूँ
माँ ! मैं एक बार फिर बच्चा होना चाहता हूँ....
चरों ओर से घिरा पा रहा हूँ
आत्मा मेरी थकन महसूस कर रही है
माँ ! मैं थक चूका हूँ दौड़ते दौड़ते
मैं और भागना नहीं चाहता
माँ ! में तेरे आँचल तले
खुद को छुपा लेना चाहता हूँ
मैं तेर तलक तेरे सीने से लगकर
खूब रोना चाहता हूँ
माँ ! मैं दर्द और तकलीफ में
फंस सा गया लगता हूँ
माँ ! मैं तुमसे खुद को दूर पा रहा हूँ
माँ ! मुझे तुम्हारी प्यारी सी थपकियाँ चाहिए
माँ ! मैं तुम्हे अपना ढाल बनाना चाहता हूँ
माँ ! मैं तुम्हारे पास होना चाहता हूँ
माँ ! मैं एक बार फिर बच्चा होना चाहता हूँ
तेर तलक तेरी गोद में सुरक्षित
चैन से सोना चाहता हूँ
माँ ! मैं एक बार फिर बच्चा होना चाहता हूँ....
साभार - भोजपुरी रंगमंच
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