Sunday, October 31, 2010
इलाहबाद माघ मेला की कुछ झलकियाँ
Wednesday, October 27, 2010
बादल राजा, बादल राजा !
जल्दी से पानी बरसा जा!
नन्हे मुन्ने झुलस रहे हैं!
धरती की तू प्यास बुझा जा!
जल्दी से पानी बरसा जा!
Savera
सूरज निकला मिटा अँधेरा,
देखो बच्चों हुआ सवेरा !
आया मीठी हवा का फेरा,
चिड़ियों ने फिर छोड़ा बसेरा !
जागो बच्चों अब मत सोओ,
इतना सुन्दर समय न खोओ !
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